Bharat ka Itihas – Vedic Sabhyata Part – 2

वैदिक सभ्यता – Vedic Period – Part – 2

प्रश्न 1. आरंभिक वैदिक काल का वर्ण व्यवस्था आधारित थी –
क. शिक्षा पर
ख. जन्म पर
ग. व्यवसाय पर
घ. प्रतिभा पर
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””]ग. व्यवसाय पर (आरंभिक वैदिक काल में वर्णव्यवस्था पर आधारित थी | ऋग्वेद के नवे मंडल में एक स्थान पर उल्लेख मिलता है की मेरे पिता वृषज (वैद्य) है, मेरी माता चक्की चलने वाली और में कवी हूँ |)

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प्रश्न 2. ऋग्वेदिक आर्य पशुचारी लोग थे, यह इस तथ्य से पुष्ट होता है की –
क. ऋग्वेद में गाय के अनेक सन्दर्भ है
ख. अधिकांश युद्ध गायो के लिए लड़े गए थे
ग. पुरोहितो को दिए जाने वाला उपहार प्राय: गाये होती थी, न की जमीन
घ. उपयुक्त सभी
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] घ. उपयुक्त सभी (ऋग्वेद में गाय और सांड की इतनी चर्चा है की ऋग्वेद आर्यो को मुख्य रूप से पशुचारक कहा जा सकता है | उनकी अधिकांश लड़ाईया गाय को लेकर हुई है | ऋग्वेद में युद्ध का पर्याय गाविष्टि (गाय का अन्वेषण) है | गाय सबसे उत्तम धन मानी जाती थी |) [/su_spoiler]



प्रश्न 3. आर्यो को एक जाति कहने वाला पहला यूरोपियन कौन था ?
क. सर विलियम जोन्स
ख. एच.एच.विल्सन
ग. मैक्समूलर
घ. जनरल कनिंघम
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] ग. मैक्समूलर (मैक्समूलर महोदय आर्यो का आदि देश मध्य एशिया, रोड्स, बैक्ट्रिया को मानते है | मूलर के अनुसार पामीर के पठार से ही इंडो-ईरानी जाति पूर्व में पंजाब तथा पश्चिम में मेसोपोटामिया की ओर गयी |) [/su_spoiler]



प्रश्न 4. वैदिक युग में राजा अपनी जनता से जो कर वसूल करते थे, उसे क्या कहते थे ?
क. बलि
ख. विदथ
ग. वर्मन
घ. कर
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] क. बलि (वैदिक युग में राजा अपनी जनता से जो कर वसूल करते थे उसे बलि कहा जाता था, बलि को संग्रहित करने वाला अधिकारी भागदुध या भागदुग कहलाता था जबकि संग्रहित कोषाध्यछ का कार्य सँभालते थे |) [/su_spoiler]



प्रश्न 5. प्रशिद्ध गायत्री मंत्र कहा से लिया गया है ?
क. सामवेद
ख. यजुर्वेद
ग. अथर्ववेद
घ. ऋग्वेद
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] घ. ऋग्वेद (प्रशिद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तृतीय मंडल से लिया गया है | यह मंत्र सूर्य देव को समर्पित है |) [/su_spoiler]



प्रश्न 6. भारतीय प्रतीक पर उत्क्रीर्ण सत्यमेव जयते लिया गया है –
क. ऋग्वेद से
ख. मत्स्य पुराण से
ग. भगवतगीता से
घ. मुंडकोपनिषद से
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] घ. मुंडकोपनिषद से (भारतीय प्रतीक (राज चिन्ह) पर उत्क्रीर्ण सत्यमेव जयते मुंडकोपनिषद से लिया गया है | इसका अर्थ है, सत्य की ही विजय होती है |) [/su_spoiler]



प्रश्न 7. निम्नलिखित में से वह दस्तकारी कौन-सी है जो आर्यो द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी ?
क. मृदभांड (पॉटरी)
ख. लुहार (लुहारगीरी)
ग. बड़ाईगीरी (काष्ठकारिता)
घ. आभुषण
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] ख. लुहार (लुहारगीरी) (ऋग्वेद में बढ़ई, रथकार, बुनकर, चर्मकार, कुम्हार, स्वर्णकार आदि दस्तकारों का वर्णन है जबकि उत्तरवैदिक आर्यो की प्रमुख दस्तकारी में भी लुहार का वर्णन नहीं है | हालांकि इस काल में लोहे की जानकारी आर्यो को हो गयीं थी |) [/su_spoiler]



प्रश्न 8. उत्तर वैदिक काल के वेद विरोधी ओर ब्राहाण विरोधी धार्मिक अध्यापको को किस नाम से जाना जाता था ?
क. यजमान
ख. श्रमण
ग. अथर्वन
घ. श्रेष्ठिन
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] ख. श्रमण (उत्तर वैदिक काल के वेद विरोधी ओर ब्राह्मण विरोधी धार्मिक अध्यापकों को श्रमण नाम से जाना जाता था |) [/su_spoiler]



प्रश्न 9. निम्न में से किस विदुषी ने, वाद-विवाद में अजेय यज्ञवल्क्य को चुनौती दी थी ?
क. घोषा
ख. अपाला
ग. मैत्रेयी
घ. गार्गी
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] घ. गार्गी (यज्ञवल्क्य को गार्गी द्वारा चुनौती दी गई थी | यज्ञवल्क्य-गार्गी संवाद का उल्लेख वृहदारण्यकोपनिषद में मिलता है |) [/su_spoiler]



प्रश्न 10. भारतीय संगीत का उदगम किसमे खोजा जा सकता है ?
क. ऋग्वेद की संहिता में
ख. यजुर्वेद की संहिता में
ग. सामवेद की संहिता में
घ. अथर्ववेद की संहिता में
[su_spoiler title=”सही उत्तर देखे” open=”no” style=”default” icon=”plus” anchor=”” class=””] ग. सामवेद की संहिता में (भारतीय संगीत के उदगम सामवेद की संहिता में खोजा जा सकता है | साम का अर्थ गेय है अर्थात जिसे गाया जा सके | संगीत के सात स्वरों का उल्लेख सर्व प्रथम सामवेद में मिलता है |) [/su_spoiler]